छत्तीसगढ़ के कोरबा से ओडिशा गए एक युवक को उसके ही घर में शादी के लिए युवती ने बंधक बना लिया। युवक अपने माता-पिता से मिलने के लिए गया था। युवती 24 घंटे उस पर नजर रखती। युवक ने कई बार भागने का भी प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हो सका। इस बीच उसने बिलासपुर हाईकोर्ट में अधिवक्ता से संपर्क किया। उनके माध्यम से जानकारी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में पहुंची तो उन्होंने टीम भेजकर युवक को 10 दिन बाद युवती के चंगुल से मुक्त कराया।
ओडिशा के सुंदरगढ़ निवासी प्रदीप मिंज (24) कोरबा में रहकर वाहन चलाने का काम करता है। कुछ दिन पहले वह माता-पिता से मिलने के लिए घर गया था। वहां पर गांव की एक युवती को वह पसंद आ गया। युवती अपने घरवालों से उसकी शादी प्रदीप से कराने की जिद करने लगी। इस पर युवती के घर वाले प्रदीप के घर रिश्ता लेकर पहुंचे, लेकिन वे तैयार नहीं हुए। इस बात की जानकारी जब युवती को हुई तो वह प्रदीप के घर पहुंच गई और उसे बंधक बनाकर शादी की जिद पर अड़ गई।
शादी नहीं करने पर आत्महत्या की धमकी देती थी। मोबाइल भी छीनकर रख लिया था। बाहर जाते समय कमरे में ताला बंद कर देती थी। यहां तक कि बाथरूम, टाॅयलेट तक निगरानी की जा रही थी। युवती के घरवालों ने भी उसे काफी समझाया, पर वह नहीं मानी। इसका पता प्रदीप के एक दोस्त को चला तो उसने कोरबा के एक डाॅक्टर से संपर्क किया। डॉक्टर ने हाईकोर्ट के अधिवक्ता विवेक सिंह ठाकुर को बताया। विवेक सिंह ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में इसकी शिकायत की। इसके बाद ओडिशा प्राधिकरण से एक टीम भेजकर प्रदीप को छुड़ाकर बिलासपुर लाया गया।